About sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा ॥ १५ ॥
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
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